PNB घोटाले का आरोपी भगोड़ा कारोबारी मेहुल चोकसी आखिरकार बेल्जियम में पकड़ लिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार के प्रत्यर्पण अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए बेल्जियम पुलिस ने उसे हिरासत में लिया। चोकसी कैंसर के इलाज के लिए बेल्जियम आया था, लेकिन जांच एजेंसियों को शक था कि वह वहां से स्विट्ज़रलैंड भागने की कोशिश कर रहा है।

ED और CBI की लगातार निगरानी में था चोकसी

जैसे ही भारतीय एजेंसियों को चोकसी की बेल्जियम में मौजूदगी की सूचना मिली, वे तुरंत सक्रिय हो गईं। बेल्जियम प्रशासन ने भारत को अलर्ट कर दिया और CBI और ED को उससे जुड़ी जानकारियां भेजीं। दोनों एजेंसियों ने जरूरी दस्तावेज, ओपन अरेस्ट वॉरंट और बाकी कागजात बेल्जियम की एजेंसियों को भेजे, जिससे गिरफ्तारी की प्रक्रिया पूरी हो सके।

बेल्जियम प्रशासन की मदद से हुई गिरफ्तारी

बेल्जियम की सुरक्षा एजेंसियों ने कार्रवाई करते हुए चोकसी को हिरासत में ले लिया। बताया जा रहा है कि भारत पहले ही उसके प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक अनुरोध कर चुका था, जिस पर अब तेजी से काम हो रहा है। चोकसी को भारत लाने की प्रक्रिया अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है।

2018 में एंटीगुआ भागा था मेहुल चौकसी, बेल्जियम में छिपाई भारत की नागरिकता

साल 2018 में देश छोड़कर फरार हुआ चौकसी ने बेल्जियम में गिरफ्तारी के समय अपनी भारतीय और एंटीगुआ की नागरिकता छिपाने की कोशिश की थी।

चौकसी ने 2017 में एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी और अगले ही साल यानी 2018 में अपने परिवार के साथ भारत से फरार हो गया था। तब से ही भारतीय एजेंसियां उसे ढूंढ रही थीं। इससे पहले वह डोमिनिका में भी पकड़ा जा चुका है, लेकिन वहां 51 दिन जेल में रहने के बाद उसे ब्रिटेन की क्वीन की प्रिवी काउंसिल से राहत मिल गई थी।

PNB घोटाले में शामिल है मेहुल चौकसी

मेहुल चौकसी की कंपनी ‘गीतांजलि जेम्स लिमिटेड’ को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब 2018 की शुरुआत में वह अचानक देश छोड़कर भाग गया। चौकसी और उसके भांजे नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से करीब ₹13,500 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप है।

आरोप है कि 2014 से 2017 के बीच मेहुल चौकसी ने PNB के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LOU) और फॉरेन लेटर ऑफ क्रेडिट के जरिए ₹6,098 करोड़ का नुकसान बैंक को पहुंचाया।

अब जबकि उसे बेल्जियम में पकड़ा गया है, भारतीय एजेंसियों को उम्मीद है कि उसे भारत लाने की प्रक्रिया फिर से आगे बढ़ेगी।